A HEART TOUCHING POEM।।A POEM दोस्तों!! ये वक़्त भी कितना बेरहम है? पता ही नहीं चलता कितनी जल्दी, कैसे गुज़र जाता है। सोचता है तो ऐसा...
A HEART TOUCHING POEM।।A POEM
दोस्तों!! ये वक़्त भी कितना बेरहम है? पता ही नहीं चलता कितनी जल्दी, कैसे गुज़र जाता है। सोचता है तो ऐसा लगता है कि अभी कल तक बच्चे थे, तो सोचते थे कि बड़े कब होंगे और आज जब बड़े हो गए तो सोचते हैं कि फिर से बच्चे कब होंगे?
कुछ इसी पर आधारित है ये पंक्तियाँ।
ज़िंदगी में कुछ क्षण ऐसे भी आते हैं
जब हम कभी जीत कर भी हार जाते हैं
कभी हार कर भी जीत जाते हैं |
ऐ वक़्त! तू कितना तेज़ चलता है ?
पलकें झपकतीं भी नहीं
और कई वर्ष बीत जाते हैं
बचपन को ज़ल्दी ही छीन लिया हमसे
और कितनी ज़ल्दी हमें बड़ा कर दिया
आँखों में भर दिए तुमने हज़ारों सपने
और आज कहाँ ला कर खड़ा कर दिया?
छोटे थे तब ज़वानी का ख्व़ाब दिखा दिया
ज़वानी देकर हमें कितना बड़ा बना दिया
कहीं भी, कभी भी कोई सुकूं नहीं मिलता
ज़िंदगी तो है, पर जीने का जुनूं नहीं मिलता
नींद तो आती है, पर सो नहीं पाते हैं
दर्द तो होता है, पर रो नहीं पाते हैं
ख़ुद से रुठते हैं, ख़ुद को मनाते हैं
ख़ुद को ही अपनी हर कहानी बताते हैं
न चाहते हुए भी हमें मुस्कुराना पड़ता है
सबको अपना हाल 'ठीक' बताना पड़ता है
ना अब वो ठिकाना ना अब वो ठौर आएगा
पर बता, क्या फिर से वो दौर आएगा?
ऐ वक़्त! तू कितना तेज़ चलता है?
दोस्तों! कैसी लगी आपलोगों को मेरी ये कविता? ज़रूर बताईयेगा।
कुछ इसी पर आधारित है ये पंक्तियाँ।
ज़िंदगी में कुछ क्षण ऐसे भी आते हैं
जब हम कभी जीत कर भी हार जाते हैं
कभी हार कर भी जीत जाते हैं |
ऐ वक़्त! तू कितना तेज़ चलता है ?
पलकें झपकतीं भी नहीं
और कई वर्ष बीत जाते हैं
बचपन को ज़ल्दी ही छीन लिया हमसे
और कितनी ज़ल्दी हमें बड़ा कर दिया
आँखों में भर दिए तुमने हज़ारों सपने
और आज कहाँ ला कर खड़ा कर दिया?
छोटे थे तब ज़वानी का ख्व़ाब दिखा दिया
ज़वानी देकर हमें कितना बड़ा बना दिया
कहीं भी, कभी भी कोई सुकूं नहीं मिलता
ज़िंदगी तो है, पर जीने का जुनूं नहीं मिलता
नींद तो आती है, पर सो नहीं पाते हैं
दर्द तो होता है, पर रो नहीं पाते हैं
ख़ुद से रुठते हैं, ख़ुद को मनाते हैं
ख़ुद को ही अपनी हर कहानी बताते हैं
न चाहते हुए भी हमें मुस्कुराना पड़ता है
सबको अपना हाल 'ठीक' बताना पड़ता है
ना अब वो ठिकाना ना अब वो ठौर आएगा
पर बता, क्या फिर से वो दौर आएगा?
ऐ वक़्त! तू कितना तेज़ चलता है?
दोस्तों! कैसी लगी आपलोगों को मेरी ये कविता? ज़रूर बताईयेगा।
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