Hindi Poem- इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो
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Hindi Poem- इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो



लेखक पियूष कुमार 
आज मैं अपने ब्लॉग सिलसिला ज़िंदगी के माध्यम से आपको एक बेहतरीन लेखक "पियूष कुमार" की एक बेहतरीन कविता आप तक  पहुंचा रहा हूँ|  जिसका नाम है- इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो

silsila zindagi ka, इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो
Piyush Kumar

जब भी आसमान से बारिश की बूंदे गिरती हैं 
ऐसा लगता है तुम्हारी यादें मेरे चेहरे को छू रही हैं| 
बारिश में भीग कर जब मेरा शरीर कंपकंपाता है 
तो मानो ऐसा लगता है कि तुमने मुझे फिर गले लगाया है| 


मन करता है कि आज फिर तुमसे 
मिलने का दिन आया है| 
वो बिजली भी कडकती है मानो
 पुकार रही हो मुझे|
 वो बादल भी गरजते हैं मानो 
समझा रहे हो मुझे| 
ज़मीन से निकलती भांप सा, 
वो मेरे होठों से छुए कश का धुंआ, 
मानो उस पर तुम मुझे चिल्ला रही हो.
सर से उतरता मेरे गालों को छूता 
वो बारिश का पानी लगता है जैसे  
तुम मेरे गालों को सहला रही हो|  
इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो| 

रिमझिम रिमझिम सी 
तो कहीं टिपटिप करती वो बारिश की बूँदें,
लगता है जैसे तुम मेरे लिए कोई गीत गा रही हो 
इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो| 

जानता हूँ कि बादलों के साथ बरस कर 
तुम फिर बादलों के साथ चली जाओगी,
रुत, बरखा, बारिश बन कर 
ना जाने फिर कब लौट के आओगी |
ठण्ड में कभी-कभी, तो गर्मी में 
शायद ही कभी आओगी,
जो आज वक़्त है इसको दोहराने के लिए
तुम मुझे एक साल तक तडपाओगी, 
जी लेना चाहता हूँ मैं आज तुम्हारे साथ 
पिछले साल की साथ वाली बारिश की यादों को
आज तुम बूंदे बन कर दोहरा रही हो|
इस बारिश में अकेला हूँ 
पर सच कहूं तो,
इस बारिश में तुम बहुत याद आ रही हो| 

ऐसी ही और रचनाओं के साथ हम मिलते रहेंगे| आप ज़रूर बताईये कि पियूष कुमार की यह कविता कैसी लगी|

"सिलसिला ज़िंदगी का" आप लोगों को हमारे साथ जुड़े रहने के लिए दिल से धन्यवाद देता है|










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