Page Nav

HIDE

Gradient Skin

Gradient_Skin

यह भी पढ़िए

latest

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम

  Uttarpradesh (Durvasa Dham Azamgarh) आज़मगढ़ जिले के निज़ामबाद (Nizamabad) में स्थित महर्षि दुर्वासा धाम आज भी भक्तों की आस्था का मुख्य के...

 

Uttarpradesh (Durvasa Dham Azamgarh) आज़मगढ़ जिले के निज़ामबाद (Nizamabad) में स्थित महर्षि दुर्वासा धाम आज भी भक्तों की आस्था का मुख्य केंद्र है।

Durvasa Dham UP



बेशक, इस भव्य पर्यटन स्थल (Paryatan Sthal India) पर अब तक किसी नेता, मंत्री या सरकार का ध्यान नहीं गया है। पर यह पावन स्थल दिव्यता (Divinty) से परिपूर्ण है। 

दिव्यता से परिपूर्ण है कुशीनगर

मान्यता है की महर्षि दुर्वासा (Maharshi Durvasa Taposthli UP) इसी जगह पर तप किया करते थे। 

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


यहाँ त्रिदेव हार गए थे माता सती अनुसुइया से

सर्वश्रेष्ठ पतिव्रता की कौन है? एक बार यह बहस छिड़ गई देवी ब्रह्माणी, लक्ष्मी और पार्वती (Tridevi- Brahmani, Lakshmi, Parvati) में। 

ये तीनों देवियां नेअपने पतियों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश (Tridev- Brahma, Vishnu, Mahesh)) से यही प्रश्न कर डाला। और तीनों अपना नाम सुनने का प्रतीक्षा करने लगी।

श्री फेकू बाबा का पावन मंदिर

पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों ने महर्षि अत्रि की पत्नी अनुसुइया का नाम लिया और कहा की सती अनुसुइया ही इस ब्रह्मांड में सबसे बड़ी पतिव्रता हैं।

बहस बढ़ती गई और अंततः बात परीक्षा पर आ गई। और तीनों देवियों (Sati Anusuiya Exam) ने अपने पतियों से कहा कि अगर ऐसा है तो सती अनुसुइया की परीक्षा होनी चाहिए।



◆Story of Tridev and Sati Anusuiya◆

ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों अनुसुइया की परीक्षा लेने के लिये महर्षि अत्रि के आश्रम में ब्राह्मण के वेश में पहुंचे। उस समय अत्रि ऋषि किसी काम से बाहर गए हुए थे।

ब्रह्मचारी स्वामीजी का पावन मंदिर

सती अनुसुइया ने तीनों ब्राह्मण अतिथियों का बड़े आदर से स्वागत किया। तीनों ने उनसे कहा कि हम तीनों आपके आश्रम में भोजन करना चाहते हैं। 

सती अनुसुइया (Sati Anusuiya) बहुत प्रसन्न हुई और त्रिदेवों के लिए भोजन की तैयारी कर दी। पर जैसे ही भोजन करने करने की बारी आई त्रिदेवों ने अनुसुइया के सामने एक शर्त रख दी। जब आप अपने वस्त्रों को अलग रखकर हमें भोजन देंगी, तभी हम आपके हाथ का भोजन ग्रहण करेंगे।

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


सती अनुसुइया बड़े धर्म-संकट में पड़ गईं। वो ईश्वर का स्मरण करके कहने लगीं कि अगर मैंने पति के सिवा कभी किसी दूसरे पुरुष को न देखा हो, अगर मैंने किसी भी देवता को पति के समान न माना हो, अगर मैं सदा मन, वचन और कर्म से पति की आराधना में ही लगी रही हूं तो मेरे इस सतीत्व के प्रभाव से ये तीनों नवजात शिशु हो जाएं. उनकी इस प्रार्थना को स्वीकार कर तीनों देव नन्हे बालक बनकर सती अनुसुइया की गोद में खेलने लगे।

इसके बाद अत्रि ऋषि जैसे ही आश्रम में आये और तीन बालकों को वहां देखा तो आश्चर्य हुए। तब सती अनुसूइया ने उनसे सारी कहानी बताई।

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


माता अनुसुइया के सतीतत्व (Examination of Mata Anusuiya Satitva)का प्रमाण मिल चुका था। जब तीनों देवियों को इसके बारे में पता चला तो अन्य देवताओं के साथ सबने माता अनुसुइया से माफी मांगी।

इसके बाद माता अनुसुइया ने तीनों से अपना अंश आश्रम में छोड़ने के लिए कहा। जिसके बाद तीनों ने उनका पुत्र बनकर आने का वचन दिया। 

और यही त्रिदेव तीन भाइयों के रूप में सती अनुसुइया के पुत्र के रूप में जन्म लिए। जिनके नाम हैं चंद्रमा, दत्तात्रेय और महर्षि दुर्वासा। आज यही स्थल महर्षि दुर्वासा के नाम से जाना जाता है।

यही से थोड़ी-थोड़ी दूरी के अंतराल पर स्थित है दत्तात्रेय और चंद्रमा के (Chandrma, Datatreya and Durvasa temples in UP) मंदिर। जिनकी परिक्रमा के बिना दुर्वासा धाम का कोई महत्व नहीं है।

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


तमसा नदी (Tamsa nadi images and video) के तट पर स्थित है दुर्वासा धाम

तमसा नदी के पावन तट पर महर्षि दुर्वासा का पावन धाम स्थित है।

कालांतर में तमसा नदी के तट पर ही महर्षि दुर्वासा तप करते थे और सिद्धियां प्राप्त करते थे। महर्षि दुर्वासा बहुत क्रोधी स्वभाव के थे। अगर एक बार कोई उनके क्रोध में पड़ गया तो समझिए गया।

आज़मगढ़ से हम निकले महर्षि दुर्वासा धाम के लिए।

How much time takes From Azamgadh to Maharshi Durvasa Dhaam? 

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम

Azamgadh to Durvasa Dhaam Distance: 52 km, 57 Minutes


Mau to Durvasa Dhaam Distance: 119 km, 1 hr 53 Minutes


Ballia to Durvasa Dhaam Distance: 194 km, 3 hr 26 Minutes

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


दुर्वासा धाम पहुंचने के बाद ऐसा लगता है, मानो हम स्वर्ग में पहुंच गए हैं। यहाँ भगवान शिव के मंदिर में जाते ही ऐसा प्रतीत होता है जैसे भोलेनाथ के हम साक्षात दर्शन कर रहे हैं।


वही दुसरी ओर महर्षि दुर्वासा की एक सुंदर सी मूर्ति को देखते ही श्रद्धा और भक्ति में शीश स्वयं झुक जाता है।


मंदिर के बाहर कई दुकानें हैं जहां नाश्ता, चाय आप कर सकते हैं। इसके बाद हम फिर निकले अपने घर के लिए।

दुर्वासा धाम से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर हम पहुंचे।

Durvasa Dhaam to Purvanchal Expressway Distance: 43 km

चलिए चलते हैं महर्षि दुर्वासा धाम


Purvanchal Expressway to Azam gadh Distance


सरकार का कब जाएगा इस पर ध्यान?

जरूरी है दुर्वासा धाम पर ध्यान देने की। इसको बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की। इसे और भी भव्य बनाने की।


अगर ऐसा होता है तो निश्चित ही दुर्वासा धाम एक विशाल पर्यटन स्थल के रूप में उभरकर पूरे संसार में चमकेगा।



"Silsila Zindagi Ka" उत्तरप्रदेश सरकार से निवेदन करता है कि महर्षि दुर्वासा धाम पर ध्यान केंद्रित करे और व्यापक पर्यटन स्थल के तौर पर इसका विस्तार करे।

Conclusion

महर्षि दुर्वासा धाम की इन्हीं दिव्य यादों के संग हम आपसे विदा लेते हैं और जल्द ही मिलते हैं एक नए विषय के साथ। 





No comments

Advertisment