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Real Story of A Girl: वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं

Real Story of A Girl: वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं Disclaimer: यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है. इस कहानी का पूरा...

Real Story of A Girl: वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं

Real Story of A Girl: वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं


Disclaimer: यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है. इस कहानी का पूरा Copyright 'Silsila Zindagi ka' के पास है. इसलिए आप इस कहानी को बिना हमारी अनुमति के कही और नहीं प्रकाशित कर सकते हैं.

बसंत अपने शबाब पर था। हरियाली अठखेलियां कर रही थीं। पेड़ों के पत्ते अपने नए वज़ूद के साथ अंगड़ाईयाँ ले रहे थें। सब खुश थे। सब उम्मीदों का दामन थामे आगे बढ़ रहे थे, पर वो लड़की दिन के 11 बजे उदास, अपनी दुनिया से परे बेसुध सो रही थी। क्योंकि पिछली रात का शराब का नशा अभी तक उसे जगने नहीं दिया था। और जगे भी किसके लिए अपने सच का सामना करने के लिए, जिसे सब कहते हैं- वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं। 

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नैना (Story of Naina), हाँ नैना! नयनतारा से उसका नाम नैना हो चुका था, क्योंकि 2015 में मिला उसका प्यार राज, नयनतारा से उसे नैना (Painful story of a girl) बना दिया था और अब वह खुद को भी नयनतारा नहीं, नैना ही समझने और कहने लगी थी।

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2015 की एक शाम। 18 साल की नैना की आँखें एक कॉफी कैफे (Cofee Cafe Mumbai) में बैठकर राज का इंतज़ार कर रही थी। आज राज से उसकी तीसरी मुलाकात थी। राज वहां आया कॉफी साथ पीया, लेकिन आज उसने उसे अपने घर पर चलने का ऑफर दिया। नैना हिचकिचाई और ना ही उसने इनकार किया। बस चल दी उसकी गाड़ी में बैठकर उसके साथ


2015, राज का कमरा 

राज के कमरे में नैना को स्वागत में चाय (Welcome Tea Shop Mumbai), कॉफ़ी और कोल्डड्रिंक की जगह, उसके सामने था वोदके का ब्रांड (Top Vodka brands)। नैना ने राज से पूछा था- क्या यह है? तब राज ने मुस्कुराते हुए कहा था- नैना, तुम्हारी नाम की तरह तुम्हारी ज़िन्दगी में कुछ तो बदलाव आने चाहिए और आज एक और बदलाव आएगा।

शुरू हो चुका था नैना की ज़िंदगी का बदलाव का दौर। करीब 45 मिनट ही बीते होंगे, नैना खुद को पहचान नहीं पा रही थी और तभी राज उसके होठों पर अपना होठ रखते हुए कहता है- I LOVE YOU नैनानैना बस राज की आँखों में देखते हुए मुस्कुराती है।

और फिर नयनतारा अपनी चढ़ती जवानी (Chadhti Jawani) की आग में तपने लगी। राज का हाथ उसके बदन पर जहाँ-जहाँ जा रहा था, उस जगह आग लगती जा रही थी। 

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पहली बार (First Time Relation) का यह खुमार ऐसा तूफान लेकर आया कि आज नयनतारा सचमुच नैना बन चुकी थी और जवानी की मदहोशी कुछ ऐसी थी, जिससे नैना को शायद यह पता चल गया ऐसा आनंद तो आज तक मुझे कभी मिला नहीं।

राज और नैना का यह सिलसिला चलता जा रहा था। दोनों को शरीर की भूख थी और दोनों अपनी भूख मिटाने के लिए हर रोज़ सिसकारियों की शोर में खो जाते थे।

प्यार (Love to much) परवान चढ़ चुका था। मोहब्बत अंगड़ाईयाँ ले चुकी थी। इश्क़ अब हलचल करना कुछ कम कर दिया था। नैना के शरीर का साइज अब बढ़ने लगा था, लेकिन उसके ख़्वाब थोड़े छोटे पड़ने लगा था। पर उसे इस बात की परवाह नहीं, क्योंकि जिसने उसे नयनतारा से नैना बनाया वो तो उसकी बाहों में था।

Real Story of A Girl: वो लड़की जिसके कई मर्द थे पर उनमें से कोई उसका अपना नहीं


2015, एक दोपहर

और एक दोपहर, दिन 1 बजे डोरबेल बजती है। नैना उस दिन राज के कमरे पर आई है। और बाथरूम से नहाकर गाउन (Girl in gown) लपेटे हुए दरवाज़ा खोलती है और बोलती है- बड़ी जल्दी आ गए?

पर जैसे ही सामने देखती है 22 साल का एक लड़का, 2 बड़े बैग लिए मुस्कुरा रहा है। और कहता है- जल्दी नहीं! गाड़ी 5 घंटे लेट थी। नैना उसे देखते ही अपने गाउन को संभालते हुए बेडरूम की तरफ भागती है। मनीष अंदर कमरे में आता है और अपने दोनों बैग को रखकर एक पुरानी कुर्सी पर बैठ जाता है।

कुछ देर बाद नैना कपड़े पहनकर बाहर आती है- मैंने आपको पहचाना नहीं? वह लड़का मुस्कुराते हुए कहता है- मनीष! myself Manish...Raj ka friend. शायद राज ने आपको बताना भूल गया होगा।

और नैना कहती है- ok! चाय लेंगे या कॉफी? और मनीष मज़ाकिया लहज़े में कहता है- जो पिला दीजिये।

मनीष आया था दोस्त बनकर! लेकिन समय को भी शायद इस बात का अंदाज़ा नहीं होगा कि आगे कुछ ऐसा होने वाला है जिससे नैना की ज़िंदगी करवट लेगी।

राज, मनीष और नैना तीनों का साठ गांठ मजबूत हो चुका था। ढ़लती शाम के साथ ही बीयर और शराब की बोतलें खुल जाया करती थीं। तीनों जी भर के पीते थे। मस्ती, मनोरंजन डांस। और रात को बेडरूम से राज और नैना की सिसकारियां सुनाई देती थीं, जो मनीष की आँखों की नींद उड़ा देती थीं। 

28 फरवरी, 2015

राज को एक शूट मिल गया और वह शूटिंग (Film shooting Mumbai) के लिए abroad चला जाता है। अब नैना और मनीष। दोनों के नैन टकराने लगे थे। मनीष उसकी दिन भर तारीफें करता और उसकी सेवा में लगा रहता। दोनों शाम को दारू के नशे में अपनी- अपनी कहानियां बयां करता और फिर रात को दोनों में दूरियां बन जाती।


7 March, 2015

नैना शाम को महफ़िल सजाने के लिए चखना बना रही है। तभी पीछे से मनीष आता है और उसे अपनी बांहों में दबोच लेता है- I Love You Naina!

नैना पहले तो मुड़कर कुछ देर मनीष की आँखों में झांकती है और फिर थोड़ी देर बाद उससे दूर हटते हुए कहती है- नहीं, मैं राज को धोखा नहीं दे सकती। 

तभी मनीष मोबाइल निकालते हुए कहता है- और राज जो तुम्हें धोखा दे रहा है?

नैना- मतलब? तभी मनीष अपना मोबाइल निकालते हुए एक वीडियो दिखाता है, जिस वीडियो को राज ने abroad से भेजा है। एक लड़की के साथ बिस्तर पर रंगरलियां मनाते हुए। जिसे देखते ही नैना के होश उड़ जाते हैं और वो बेडरूम की तरफ भागते हुए कहती है- नहीं, ऐसा नहीं हो सकता!

सब कुछ सन्नाटा! उस सन्नाटे में नैना की रोने (crying girl story) की आवाज़ गूंजने लगती है और नैना के इस दर्द (Painful story of a girl) के आलम में भी मनीष के चेहरे पर मुस्कान झलक रही है. 

7 March, 2015, रात 9 बजे 

मनीष का पेग तैयार था. तभी नैना मनीष के पास आती है और उसके पास बैठते हुए कहती है- मुझे भी पिलाओ...! इतना पिलाओ...की मैं अपना सारा ग़म भूला दूं. बस यही तो मौक़ा चाहिए था मनीष को. 

इसके बाद मनीष और नैना पेग पर पेग पीना शुरू करते हैं. नैना नशे में थोड़ी बेहोश और पूरी मदहोश...लडखडाती जुबान से कहती है- I Love You मनीष.

और इसके बाद मनीष अपने होठ नैना के होठ (Lip kiss girl & Boy) से सटाते हुए कहता है- I Love You नैना...! फिर शराब की मदहोशी दोनों के जिस्म की मदहोशी कुछ ऐसी घुलती है की उनकी सिसकारियों से वहाँ की सारी वादियों मानो जग जाती हैं. आज नैना का दूसरा प्यार (2nd Love story) नैना के जिस्म को छूते हुए गुज़र गया और एक नैना को एक ऐसा एहसास दे गया...जिससे राज के बाद नैना ने मनीष का नाम अपने दिल पर लिख लिया. 

8 March, 2015, सुबह 8.30 बजे 

नैना की आँखें खुलती हैं. तभी मनीष उसके लिए चाय लेकर आता है और जैसे ही वहाँ से जाने को करता है, नैना उसे अपनी तरफ खींचती हुयी कहती है- you are a truly mard...! और मुस्कुरा देती है. तभी मनीष कहता है- नैना...! मैं अपना फ़्लैट ले रहा हूँ. सात बँगला (Seven Bunglows Mumbai) में. तो तुम...? 

तभी नैना चाय का एक सिप लेते हुए कहती है- मुझे नहीं रखोगे अपने साथ...? और मनीष मुस्कुराते हुए कहता है- Welcome नैना...! हम साथ मिलकर अच्छा काम करेंगे. शार्ट फिल्म्स (Shorts Films) बनायेंगे, गाने बनायेंगे (Song Making)....और भी बहुत कुछ. i Promise तुम्हारा नाम दुनिया में जरुर होगा. 

और दोनों गले मिल जाते हैं. 

 28 March, 2015, रात 9 बजे 
सात बँगला. मनीष और नैना नए फ़्लैट (Flat in seven bunglows Mumbai) में शिफ्ट हो चुके हैं. और आज नई जगह पर पहली रात का पहला जश्न है, तो शराब और शबाब के मज़े तो लेने बनते हैं. 

बोतल खुलती है, डांस होता है, जश्न मनाया जाता है और फिर जिस्म की गर्मी का तापमान कुछ इस तरह दोनों पर चढ़ता है की दोनों एक की मदहोशी भरी सिसकारियां पूरी मुम्बई में गूंजने लगती है.

समय गुज़रता जाता है. कहते हैं की मुम्बई में कुछ भी निश्चित नहीं होता और वह भी फिल्म इंडस्ट्री में. 4 महीने गुज़र जाते हैं पर ना तो मनीष को कुछ काम मिलता है और ना ही नैना को. हाँ अय्याशी में वह भी पैसे खत्म होते जाते हैं, जो उनके पास सेविंग है. रूम रेंट (Room mate in Mumbai) से खाना तक अब भारी पड़ने लगता है और इसी मुश्किल को देखते हुए मनीष और नैना अपने साथ एक रूम पार्टनर रखने का फैसला करते हैं.   

और इस हालात में इनका रूम पार्टनर मिलता है आकाश. जॉब करने वाला...well settled...!!


आकाश की entry होती ही नैना की ज़िंदगी में एक और कहानी (Ek aur prem kahani) जन्म लेती है. एक ऐसी कहानी जिससे नैना अब नैना रहती. आखिर क्या होता है आगे...? आकाश के आते ही अब कौनसी कहानी शुरू होती है...? कहाँ जाती है नैना...? क्या नैना के सपने पूरे होते हैं...? 

आगे की कहानी जानने के लिए जुड़े रहिये silsilaindagi ka के साथ, क्योंकि आगे की कहानी आपको झंकझोर कर रख देगी.

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