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व्यक्तित्व के धनी, मन के राजा और दिल के बादशाह 'श्री राजमंगल ठाकुर'

  अपने पंखों से लंबी उड़ान भरना कुछ बात तो है। अपने हाथों औरों की तक़दीर बदलना कुछ बात तो है। यह पहचान , आपके कदमों के निशान साधारण ...

 

अपने पंखों से लंबी उड़ान भरना

कुछ बात तो है।

अपने हाथों औरों की तक़दीर बदलना

कुछ बात तो है।

यह पहचान, आपके कदमों के निशान

साधारण नहीं,

अनवरत अपने कर्तव्य पथ पर चलना

कुछ बात तो है।

 

व्यक्तित्व के धनी, मन के राजा और दिल के बादशाह 'श्री राजमंगल ठाकुर'

वो खड़े हैं वक़्त की साख में, वो झलकते हैं हर किसी की आँख में। औरों की सेवा करने की है उनकी आदत, अपने हो गैर सबकी करते हैं हिफाज़त।औरों से उनमें कुछ अलग बात है, इसीलिये तो आज मेरी कलम उनके साथ है. 

जब भी मैं उनसे मिला, उनके अन्दर एक नई सकारात्मक ऊर्जा को देखा. जब भी उनसे बात हुई एक गज़ब का जोश, जज्बा और जूनून उनके अंदर झलका. निश्चित तौर पर कुछ लोगों का काम ही नाम बताता है, जिनका हर अंदाज़ लोगों के दिलों में उतर जाता है. 

हर दिन मेरे ब्लॉग 'सिलसिला ज़िन्दगी का' को पढ़ने वाले सभी लोगों से नौरंगा ग्राम सभा के एक ऐसे ही व्यक्तित्व से आपका परिचय कराने जा रहा हूँ-- जिन्होंने अपनी चाहत और लगन बदौलत ना सिर्फ अपने लिए बल्कि औरों को भी जीने का मक़सद दिया है, हर कदम पर साथ दिया है और जरूरत पड़ने पर हर ज़रूरतमंद की तरफ अपना हाथ बढ़ाया है. 

आईये, मिलिए "व्यक्तित्व के धनी, मन के राजा और दिल के बादशाह 'श्री राजमंगल ठाकुरजी से".

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यह चेहरा, यह नाम किसी परिचय का मोहताज़ नहीं। सभी जानते हैं। लेकिन मैं एक लेखक के तौर पर अगर उनका परिचय दूँ तो यही कहूँगा- ये हैं 'व्यक्तित्व के धनी, विचारों के राजा और दिल के बादशाह नौरंगा ग्राम सभा के पूर्व प्रधान "श्री राजमंगल ठाकुर" (Gram Pradhan)|

 

एक ऐसा व्यक्तित्व, एक ऐसा प्रधान (Mukhiya of village)- जिन्होंने हमेशा गैरों के दर्द को अपना समझा है। जिन्होंने हर कदम पर नफरत को प्यार में बदल दिया है। जिन्होंने एक हाथ बढ़ाने वाले की तरफ दोनों हाथ बढ़ा दिया है। अपने दिल में बेपनाह मोहब्बत लिए इतनी संजीदगी और जिंदादिली से जीने वाले लोग आज के दौर में बहुत कम ही मिलते हैं।

कहते हैं कि कुछ लोग इतिहास पढ़ते हैं, कुछ लोग इतिहास पढ़ाते हैं, पर कुछ लोग अपनी मेहनत और लगन की बदौलत हर रोज़ एक नया इतिहास बनाते हैं। उन्हीं में से एक हैं 'राजमंगल ठाकुर' (Gaon ke pradhanji)। जो आज प्रधान के पद पर तो नहीं हैं, पर नौरंगा ग्राम सभा के लोगों के दिल पर उनके लिए एक अमिट छाप है।

व्यक्तित्व के धनी, मन के राजा और दिल के बादशाह 'श्री राजमंगल ठाकुर'


एक ऐसे व्यक्तित्व- जिनकी बुलंद हो आवाज़, जिनका सबसे अलग हो अंदाज़ और जो सबके लिए हो ताज....उनको ग्राम सभा के प्रधान के तौर पर देखना बेशक नाज़ की बात होगी।

यह बात बिल्कुल सच है- जो हर कदम पर औरों के लिए खड़ा हो जाता है, वह हर नज़र में बड़ा हो जाता है। चाहे उसकी वह बड़प्पन एक व्यक्तित्व के तौर पर हो या एक बड़े नेता के तौर पर। और यह सारी बातें बिल्कुल लागू होती हैं- राजमंगल ठाकुर पर।

एक ग्राम प्रधान (Election of Gram Pradhan) के तौर पर अपने दौर में राजमंगल ठाकुर अपने ग्रामवासियों के लिए हमेशा आगे खड़े नज़र आये हैं, पर यह भी सच है- वह ग्राम प्रधान नहीं हैं, तब भी लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार नज़र आते हैं|

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जिस तरह सूरज निकलता और ढलता रहता है, उसी तरह- कालचक्र हमेशा चलता रहता है, वक़्त पल-पल बदलता रहता है, आज किसी और का दौर रहता है तो कल किसी और का दौर गुज़रता रहता है। ना गुज़रता है, ना बदलता है- तो सिर्फ और सिर्फ इंसान की सेवा में सेवारत किसी कर्मरत व्यक्तित्व का सेवाभाव। और यह सब बातें यथार्थ होती हैं- 'राजमंगल ठाकुर' पर।

हर शादी समारोह, चाहे वह किसी का भी क्यूँ  ना हो, हर उत्सव, चाहे वह किसी का भी क्यूं ना हो- हर किसी की निगाहें राजमंगल ठाकुर का इंतज़ार करती हैं और ये भी वहाँ पहुंचना अपना कर्तव्य समझते हैं, क्यूंकि यह हर किसी को अपना समझते हैं।

दोस्तों! इतिहास भी कुछ लोगों की यादों और कार्यों को बहुत संजीदगी से समेट कर रखता है| उन लोगों में से ही एक हैं- श्री राजमंगल ठाकुर| इतिहास के पन्ने जब भी नौरंगा ग्राम सभा में खोले जायेंगे, श्री राजमंगल ठाकुर का नाम हमेशा अग्रणी नज़र आयेगा|

व्यक्तित्व के धनी, मन के राजा और दिल के बादशाह 'श्री राजमंगल ठाकुर'


नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में जिनका जीवन हैं समर्पित, जिनका तन, मन और जीवन का पल-पल औरों की मदद में है अर्पित- ऐ वक़्त! तू भी तो उनको सलाम करता होगा|

जो अपने गाँव, समाज और अपने लोगों के लिए हर जरूरत पड़ने पर खड़ा रहा हो- ऐ समय! तू भी तो उनको शीश झुकाता होगा| जिन्होंने हर गैर को अपना बनाया है, अपने सीने से लागाया है- ऐ इतिहास! तू भी तो उनके सामने नतमस्तक होता होगा|

कहीं भारी भीड़ हो, किसी राजनेता का बड़ा सा मंच सुसज्जित हो, कोई बड़ा आन्दोलन हो, नौरंगा ग्राम सभा के लोगों का कोई आयोजन हो- उसमें राजमंगल ठाकुर ना सिर्फ हिस्सेदारी करते हैं, बल्कि हर किसी का बोझ अपने कन्धों पर उठाकर सारा नेतृत्व अपने हाथों में ले लेते हैं और तब तक चैन की सांस नहीं लेते हैं, जब तक कि उसके अंज़ाम तक नहीं पहुंचा देते हैं|

दोस्तों! कहते हैं कि सूरज निकलने से पहले अँधेरा ही होता है| पर जब सूरज निकलता है तो इस धरा पर हर तरफ प्रकाश ही प्रकाश नज़र आता है| श्री राज मंगल ठाकुर का कारवाँ निकल चुका है| एक ऐसे सफर की ओर, जहाँ उनका एक ही मकसद है- फिर से एक बार नौरंगा ग्राम सभा को विकास की राह पर ले जाना|

खुद से उनका एक वादा है, एक बड़ा इरादा है. कर्तव्य की पोटली है, दायित्व का पिटारा है- जब इस सरताज के सर पर जीत का ताज विराजमान होगा, तो इस ग्राम सभा को उन पर अभिमान होगा|

बिगुल जीत की, डंका विजय का, शंखनाद फतह का, जज़्बात कुछ कर गुजरने की, हौसला पत्थर को पानी बना देने का, ना सिर्फ अपने बल्कि औरों के घर में भी दीप जला देने की- यही उम्मीद, यही विश्वास, यही चाहत इस बार श्री राजमंगल ठाकुर के द्वारा देखने को मिल रही है और आने वाला वक़्त भी इस पर अपना मुहर (gram pradhan election 2021)लगाएगा|

आपके सपनों में चार चाँद हम लगायेंगे

एक बार यकीन करो|

आपके चेहरे पर मुस्कान हम लायेंगे

एक बार यकीन करो|

आपको हर बोझ को हम उठाएंगे

एक बार यकीन करो|

आपकी चाहतों में रंग हम भरेंगे

एक बार यकीन करो|

इसी यकीन के साथ सिलसिला ज़िंदगी का “श्री राजमंगल ठाकुर” को उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है| आने वाले दिनों में हम अपने ब्लॉग silsilazindagika.in.net और www.5minutesnews.com के माध्यम से और भी आपके व्यक्तित्व के बारे में हम लिखते रहेंगे|

दोस्तों! समय बहुत कम होने के कारण आप लोगों के लिए हर रोज कुछ नहीं लिख पा रहा. जैसा कि कई लोगों ने इस बात की शिकायत की. वादा तो नहीं, पर कोशिश ज़रूर करूँगा...और भी विषयों को आप तक पहुंचाने की| जुड़े रहिये हमारे साथ|

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