2024 गुज़र रहा है. सभी एक New Year का इंतज़ार कर रहे हैं. एहसास और इमोशन सबकी आँखों में तैर रहे हैं. जहाँ सब 2024 को अलविदा कह रहे हैं तो,...
2024 गुज़र रहा है. सभी एक New Year का इंतज़ार कर रहे हैं. एहसास और इमोशन सबकी आँखों में तैर रहे हैं. जहाँ सब 2024 को अलविदा कह रहे हैं तो, वही दुसरी ओर सब 2025 के आगमन की भी तैयारी कर रहे हैं.
कहते हैं की पुरानी बातों से ही नए लम्हों की शुरुआत होती है. सब सबके लिए गुज़रते साल के साथ अपने दिल की feeling जताएंगे, लेकिन कितना अच्छा होगा की हम 2024 को अलविदा मुन्नवर राना की माँ के ऊपर शेर के साथ कहें और स्वागत भी Munawwar Rana की शायरी माँ के ऊपर के साथ ही करें.
Maa ke Upar Munawwar Rana ki Best Shayari
ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये,
दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है
______________________________
Shayari on Munawwar Rana's Mother
छू नहीें सकती मौत भी आसानी से इसकोयह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है___________________________________Munawwar Rana Shayari for Motherयूँ तो अब उसको सुझाई नहीं देता लेकिन
माँ अभी तक मेरे चेहरे को पढ़ा करती है
___________________________________
Munawwar Rana ki shayari Maa ke liye
वह कबूतर क्या उड़ा छप्पर अकेला हो गया
माँ के आँखें मूँदते ही घर अकेला हो गया
___________________________________
माँ के ऊपर मुन्नवर राना की Heart-touching शायरी
चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है___________________________________
माँ के लिए मुन्नवर राना की शायरी
सिसकियाँ उसकी न देखी गईं मुझसे 'राना'
रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते
____________________________________
2025 को बनाते हैं और भी यादगार, मुन्नवर राना की कुछ भी बेहतरीन शायरी के साथ
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
____________________________________
मुनव्वर राना के 'माँ' के लिए कहे गए शेर
लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
______________________________________
Munawwar Rana Best Sher For Maa
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की 'राना'
माँ की ममता मुझे बाँहों में छुपा लेती है
_____________________________________
Munawwar Rana Best shayari for Maa
गले मिलने को आपस में दुआएँ रोज़ आती हैं
अभी मस्जिद के दरवाज़े पे माँएँ रोज़ आती हैं
_____________________________________
मुनव्वर राना द्वारा माँ को समर्पित कुछ चुनिंदा शेर
ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
______________________________________
Munawwar Rana emotional Sher for Mother
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है
__________________________________
Munawwar Rana Shayari for Maa
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
___________________________________
Best Shayari for Maa- Munawwar Rana
लिपट को रोती नहीं है कभी शहीदों से
ये हौंसला भी हमारे वतन की माँओं में है
Mother Shayari- Munawwar Rana
ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता
मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है
_________________________________
मुनव्वर राना के मशहूर शेर
यारों को मसर्रत मेरी दौलत पे है लेकिन
इक माँ है जो बस मेरी ख़ुशी देख के ख़ुश है
_________________________________
माँ की ममता पर शायरी
तेरे दामन में सितारे होंगे तो होंगे ऐ फलक़
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी___________________________________
माँ की तारीफ़ नें शायरी - मुनव्वर राना
जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है_______________________________________
Heart Touching माँ के लिए शायरी
घेर लेने को जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बनकर माँ की दुआएँ आ गईं
________________________________
माँ की ममता पर शायरी 2 line
'मुनव्वर' माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती________________________________________
माँ की ममता पर शायरी 2 लाइन
मुझे तो सच्ची यही एक बात लगती है
कि माँ के साए में रहिए तो रात लगती है_______________________________________
> 2025 Me Blogging se Kamaye Paise
________________________________________Silsilazindagika.in.net Blog पर जो advertisment दिख रहे हैं, वो Google Adsense द्वारा Automatic लगाए जाते हैं, जिससे creator को earning होती है।______________________________________
No comments