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Munawwar Rana Maa Shayari: 2024 के बीतते लम्हों के साथ, दीजिये अपनी माँ को शायरी की सौगात

2024 गुज़र रहा है. सभी एक New Year का इंतज़ार कर रहे हैं. एहसास और इमोशन सबकी आँखों में तैर रहे हैं. जहाँ सब 2024 को अलविदा कह रहे हैं तो,...

2024 गुज़र रहा है. सभी एक New Year का इंतज़ार कर रहे हैं. एहसास और इमोशन सबकी आँखों में तैर रहे हैं. जहाँ सब 2024 को अलविदा कह रहे हैं तो, वही दुसरी ओर सब 2025 के आगमन की भी तैयारी कर रहे हैं.

Munawwar Rana Maa Shayari: 2024 के बीतते लम्हों के साथ, दीजिये अपनी माँ को शायरी की सौगात


कहते हैं की पुरानी बातों से ही नए लम्हों की शुरुआत होती है. सब सबके लिए गुज़रते साल के साथ अपने दिल की feeling जताएंगे, लेकिन कितना अच्छा होगा की हम 2024 को अलविदा मुन्नवर राना की माँ के ऊपर शेर के साथ कहें और स्वागत भी Munawwar Rana की शायरी माँ के ऊपर के साथ ही करें. 

Maa ke Upar Munawwar Rana ki Best Shayari 

ज़रा सी बात है लेकिन हवा को कौन समझाये,

दिये से मेरी माँ मेरे लिए काजल बनाती है

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Shayari on Munawwar Rana's Mother

छू नहीें सकती मौत भी आसानी से इसको
यह बच्चा अभी माँ की दुआ ओढ़े हुए है
Munawwar Rana Maa Shayari: 2024 के बीतते लम्हों के साथ, दीजिये अपनी माँ को शायरी की सौगात


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Munawwar Rana Shayari for Mother 

यूँ तो अब उसको सुझाई नहीं देता लेकिन

माँ अभी तक मेरे चेहरे को पढ़ा करती है

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Munawwar Rana ki shayari Maa ke liye

वह कबूतर क्या उड़ा छप्पर अकेला हो गया

माँ के आँखें मूँदते ही घर अकेला हो गया

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माँ के ऊपर मुन्नवर राना की Heart-touching शायरी

चलती फिरती हुई आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है

Munawwar Rana Maa Shayari: 2024 के बीतते लम्हों के साथ, दीजिये अपनी माँ को शायरी की सौगात


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माँ के लिए मुन्नवर राना की शायरी

सिसकियाँ उसकी न देखी गईं मुझसे 'राना'

रो पड़ा मैं भी उसे पहली कमाई देते

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2025 को बनाते हैं और भी यादगार, मुन्नवर राना की कुछ भी बेहतरीन शायरी के साथ

मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू

मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना

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मुनव्वर राना के 'माँ' के लिए कहे गए शेर

लबों पे उसके कभी बददुआ नहीं होती

बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती

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 Munawwar Rana Best Sher For Maa

अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की 'राना'

माँ की ममता मुझे बाँहों में छुपा लेती है

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Munawwar Rana Best shayari for Maa

गले मिलने को आपस में दुआएँ रोज़ आती हैं

अभी मस्जिद के दरवाज़े पे माँएँ रोज़ आती हैं

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मुनव्वर राना द्वारा माँ को समर्पित कुछ चुनिंदा शेर

ऐ अँधेरे देख ले मुँह तेरा काला हो गया

माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया


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Munawwar Rana emotional Sher for Mother

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है

माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है



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Munawwar Rana Shayari for Maa

मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ

माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ

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Best Shayari for Maa- Munawwar Rana

लिपट को रोती नहीं है कभी शहीदों से 

ये हौंसला भी हमारे वतन की माँओं में है 


Mother Shayari- Munawwar Rana

ये ऐसा क़र्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता

मैं जब तक घर न लौटूँ मेरी माँ सजदे में रहती है

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मुनव्वर राना के मशहूर शेर 

यारों को मसर्रत मेरी दौलत पे है लेकिन

इक माँ है जो बस मेरी ख़ुशी देख के ख़ुश है

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माँ की ममता पर शायरी 

तेरे दामन में सितारे होंगे तो होंगे ऐ फलक़
मुझको अपनी माँ की मैली ओढ़नी अच्छी लगी

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माँ की तारीफ़ नें शायरी - मुनव्वर राना 

जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है

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Heart Touching माँ के लिए शायरी 

घेर लेने को जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बनकर माँ की दुआएँ आ गईं
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माँ की ममता पर शायरी 2 line
'मुनव्वर' माँ के आगे यूँ कभी खुलकर नहीं रोना
जहाँ बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती 

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माँ की ममता पर शायरी 2 लाइन 

मुझे तो सच्ची यही एक बात लगती है
कि माँ के साए में रहिए तो रात लगती है

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